कुरान में जंग की अवधारणा | The Quranic Concept of War (Hindi)
S. K Malik
यह पुस्तक पैगंबर मुहम्मद द्वारा 610-630 ईस्वी के बीच गैर-विश्वासियों, यानी पगानों, ईसाइयों और यहूदियों के खिलाफ किए गए सैन्य अभियानों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है, जो सऊदी अरब में रहते थे और मुहम्मद को सुरक्षा कर का भुगतान नहीं करते थे। किताब में इस बात का जिक्र है कि कैसे कुरान जबरदस्ती इस्लाम को फैलाने के लिए युद्ध के इस्तेमाल को जायज ठहराता है। पाकिस्तानी ब्रिगेडियर एस.के. मलिक इस बात पर जोर देते हैं कि लोगों के दिलों में आतंक पैदा करना ही उनके खिलाफ युद्ध छेड़ने और डर के जरिए उन्हें जीतने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एकमात्र हथियार है। जयपुर डायलॉग्स आपके लिए इस्लाम और उसके अनुयायियों के पैशाचिक डिजाइनों को सामने लाता है और इस्लामी पंथ अनुयायियों के अत्याचार को समझने के लिए जागरूकता पैदा करता है।